बुधवार, 14 अक्टूबर 2009

ब्रेकिंग न्यूज़

वैधानिक चेतावनी - यह व्यंग नही कहानी है l
नमस्कार दर्शको आपका स्वागत है हमारे न्यूज़ चैनल सिटी न्यूज़ पर I जहाँ हम आपको दिखाते है देश, दुनिया, खेल और मनोरंजन की बड़ी खबरें l
मैं हूँ आपका एंकर भभूत मिश्र और आप देख रहे है हमारी विशेष प्रस्तुति सनसनी शहर l
दर्शको अभी आप अपने टीवी स्क्रीन पर देख रहे है सनसनीखेज ब्रेकिंग न्यूज़ I ये न्यूज़ छन कर आ रही है हरामगंज में स्थित मिठाईवाला रेस्तरां के सामने से......
तो दिल थाम कर बैठिये ये खबर आपकी धड़कने बढा देगी, आपकी सांसे रोक देगी ( एंकर ने डराने वाले अंदाज़ में कहा ) l हम आपको दिखाने जा रहे है एक लड़की का चीरहरण जो सरेआम हरामगंज के मुख्य सड़क पर हो रहा है और इसे अंजाम दे रहे है तो बदमाश से दिखने वालें युवक और इस घटना को देखने के लिए सड़क पर काफी भीड़ जमा है l
तो आइये चलते है हम आपको लेकर चलते है इस घटना की पूरी जानकारी देने के लिए अपने संवाददाता के पास जो अभी भी उस भारी भीड़ में बड़ी बहादुरी के साथ इस समय घटनास्थल पर मौजूद है और आप तक पल पल की खबर और सजीव विडियो भेज रहे है l
भभूत संवाददाता से - लाल अभी वहाँ के क्या हालात है ? अभी तक वहाँ पुलिस पहुंची है या नहीं ! और आम जनता की क्या प्रतिक्रिया है इस घटना पर l जनता में आक्रोश है या नहीं ?
संवाददाता - देखिये सर आम जनता बहुत ही उतेजित और रोमांचित है लेकिन हालात अभी नियंत्रण में है l मैंने भीड़ की राय जानने की कोशिश की है, खैर मैं इस बारे में बाद में बताऊँगा पहले पूरी घटना विस्तार से बताता हूँ l
जैसा की आप देख रहे है अभी वो बदमाश जो नशे में धुत हैं उस लड़की के कपडे फाड़ने की कोशिश कर रहे है l
रही बात पुलिस की तो यहाँ से निकटतम पुलिस थाना महज़ १ किलोमीटर पर स्थित है लेकिन पुलिस अभी भी यहाँ नहीं पहुंची है l
भभूत - लाल आपको क्या लगता है की उस लड़की के साथ बलात्कार होने की कोई संभावना है ( एंकर मुस्कुराते हुए ) या ये भी
राखी सावंत की तरह पब्लिसिटी कर रही है l अभी तक ये पता चला या नहीं की इस घटना के पीछे कौन सा गिरोह सक्रिय है l क्या उन गुंडों के पास हथियार वगैरह भी है ?
संवाददाता- सर, फिलहाल तो बलात्कार की कोई संभावना नहीं है क्योंकि वो दोनों नशे में धुत है....... l जैसे की अपुष्ट खबर छन के आ रही है की पीड़ित लड़की कॉलगर्ल है और इन सबके बीच पैसे के बंटवारे को लेकर झगडा हो रहा है और रही बात हथियार की तो लगता है की उन दोनों के पास पाकिस्तान का बना हुआ पिस्टल है जो उनके जेब से बाहर झाँक रहा है l
भभूत- धन्यवाद लाल, हम अभी आपके पास दुबारा लौटेंगे......
दर्शको आप देख रहे है हरामगंज एक लड़की का चीरहरण l आप हमारे साथ बने रहिये, हम अभी हाज़िर होते है इक छोटे से ब्रेक के बाद l
आप इस चीरहरण की सनसनीखेज विडियो का लाइव प्रसारण देख सकते है सिर्फ सिर्फ हमारे चैनल पर l
ब्रेक के बाद ----
भभूत - ब्रेक के बाद आपका स्वागत है और आप देख रहे है हरामगंज की मुख्या सड़क पर एक कॉलगर्ल के साथ हो रहे चीरहरण ( इस बार समाचार प्रस्तोता का स्वर बदल गया ) की सनसनीखेज तस्वीरें सिर्फ और सिर्फ हमारे चैनल पर l
तो चलिए हम वापस ले कर चलते है आपने संवाददाता के पास जो अभी ही बड़ी ही बहादुरी के साथ घटनास्थल पर मौजूद है l
भभूत लाल से - लाल अभी वहाँ के हालात कैसे है ? क्या वहाँ खड़ी भीड़ में से कोई भी इस बारें में कुछ बोलने के लिए तैयार है ?
संवाददाता- देखिये सर कहानी तो साधारण है लेकिन इस बारे में और जानने के लिए हम बात करते है यहाँ के स्थानीय निवासी से.l
सर क्या आप बताना चाहेंगे की इन सब के पीछे किसका हाथ है " संवाददाता ने वहाँ खड़े एक प्रत्यक्षदर्शी से पूछा l
क्या यार तुम मीडिया वाले भी न पीछे पड़ जाते हो चुपचाप नज़ारा देखो, पूरी जिन्दगी देखने को नहीं मिलेगी l देख तुने जो विडियो बनाया है न उसकी एक प्रति मुझे दे दे MMS बोल कर पैसा कमा लेंगे ( उस आदमी ने फुसफुसाते हुए कहा )
दर्शको आप देख सकते है की यहाँ का नज़ारा कैसा है यहाँ खड़े सारे लोग उत्साहित और आनंदित नज़र आ रहे है, क्या बूढे क्या बच्चे l
कैमरामैन रायेद के साथ मैं लाल श्री सिटी न्यूज़ के लिए l
भभूत - धन्यवाद लाल,
तो ये थे हमारे संवाददाता जो आपको पल पल की खबर दे रहे थे
दर्शको इस बिषय पर चर्चा करने के लिए अभी थोडी देर में स्टूडियो में मौजूद होंगी मशहूर मानवाधिकारी बरका नन्द, समाजशास्त्री रेयान शाह और महिला संगठन की प्रदेशअध्यक्ष श्रीमती नीना दास्वा l इसके साथ ही फोनलाइन पर इस बिषय पर चर्चा करने के लिए मौजूद होंगे हरामगंज के उपपुलिस निरीक्षक पांडवा l
इस बिषय पर हम थोडी देर में चर्चा करेंगे, फिलहाल समय हो रहा है एक छोटे से ब्रेक का l अगर आप मौजूद मेहमानों से कोई भी सवाल पूछना चाहते है हमें मैसेज भेज सकते है l
ब्रेक के बाद -
भभूत- दर्शको ब्रेक के बाद आप सबका स्वागत है हमारे चैनल पर, हरामगंज में हो रही घटना पर बात करने के लिए मौजूद मेहमानों का भी स्वागत है l
सर ये घटना जो हरामगंज में घटी है उस घटनास्थल से पुलिस चौकी कुछ ही दूर है फिर भी आपकी पुलिस टीम अभी तक नहीं पहुंची है, क्या आप इस बारे में कुछ कहना चाहेंगे l ( भभूत ने पांडवा से कहा )
देखिये हमारे पास खबर थी की शहर में बम फूटने वाले है तो हमारी पूरी फोर्स बम ढूंढने में लगी है l वैसे भी वो एक कॉलगर्ल है और ये उसका रोज का काम है l ( पांडवा ने कहा )
तो आपके कहने का ये मतलब है की लड़की अगर कॉलगर्ल हो तो उसकी सुरक्षा की जिम्मेदारी पुलिस के पास नहीं है l
पांडवा सर आपका बयान बेहद ही दुर्भाग्यपूर्ण है, हम आपके खिलाफ कोर्ट में जायेंगे ( महिला संगठन की अध्यक्ष ने कहा )
धीरे धीरे चारों मेहमानों और समाचार प्रस्तोता के मिश्रित स्वर बिना नियंत्रण के बढ़ता रहा और झगडे का स्वरुप लेने लगा l
उधर संवाददाता भी बेवजह चिल्लाये जा रहा था l
विडियो अभी भी टीवी स्क्रीन पर आ रहा था जिसमे प्रसारित हो रहा था की कैसे खडी भीड़ उन गुंडों का साथ दे रही थी, लड़की ( मासूम, शायद वेश्या ना हो ) के निजी अंगो से छेड़छाड़ करने में l
"मम्मी ईई ईईई केबल वाले को बोलो की ये बकवास समाचार चैनल को बंद कर दे, हमे नहीं चाहिए l सोहम ने कहा जो काफी देर से उस बकवास को झेल रहा था l
फिर उसने केबल वाले को फोन लगाया और कहा " केबल वाले भैया ये चैनल को ब्लाक कर दो हमारे घर पर नहीं चलना चाहिए.
केबल वाले ने जबाब दिया- सोहम बेटे तुमने आज का अखबार नहीं पढ़ा क्या, हमारी न्यायपालिका ने आदेश जारी किया है की अगर आप कोई भी चैनल नहीं देखना चाहते है तो रिमोट है ना आपके हाथ में l
वैसे भी इस चैनल की बड़ी मांग है लोगो में क्योकि यही चैनल है जो सबसे ज्यादा दिखता है गरमा गरम...........
ब्रेकिंग न्यूज़

गुरुवार, 24 सितंबर 2009

लाश

सड़क के बीचो बीच एक लाश पड़ी है, वो लाश एक युवती की है जो कमसिन थी मरने के पहले, लेकिन वो सड़क पर पड़ी इक लावारिश लाश है I जिसके बदन पर चंद कपड़े चिथडों के रूप में आने जाने वालों पर हँस रहे है I
इस मुर्दा लाश को देखने के लिए सड़क पर भीड़ जमा थी वो भी लाशों की........ जिन्दा लाशों की !
सड़क पर जमा भीड़ की वजह से सबसे ज्यादा परेशानी शानदार गाड़ियों में सुकून से बैठे हुए इलीट क्लास से लोगो को होती है जो बैठे तो एसी में होतें है लेकिन बार बार अपने चेहरे पर उभर कर आने वाले पसीने की बूंदों को पोछतें है I
ऐसे ही एक साहब भीड़ की वजह से परेशान दिखाई दे रहे है अपनी बेशकीमती कार के अंदर बेचैन से बैठे है I ये साहब इस इलाके में अपनी शानो शौकत और अपने शानदार बंगले की वजह से जाने जाते है और हाँ कभी कभी ये दान पुण्य भी कर लेते है,....
सेठ जी की चिंता बढती ही जा रही है, इन्हें अपने घर पहुँचने की जल्दी है पर सड़क पर जाम लगा हुआ है और उस जाम की वजह है वो लाश और उस लाश को देखने वालें जिन्दा लाशों की भीड़....
"सेठ जी झल्लाते हुए अपने ड्राईवर से" ड्राईवर जरा बाहर किकल कर देखो तो यहाँ इतनी भीड़ क्यूँ लगी है ( वैसे तो ड्राईवर सेठ जी से उम्र में दोगुने बड़े है लेकिन रसूख तो रसूख होता है भाई )
थोडी देर में ड्राईवर जब लौट कर आया तो काफी सहमा हुआ था I
डरते डरते उसने मालिक से कहा की साहब इक निवेदन है की आप एक बार उस लाश को देख लीजिये शायद कुछ याद आ जाये I
कुछ याद आ जाये से तुम्हारा क्या मतलब है ( सेठ ने झल्लाते हुए कहा )
सर एक बार कृपया कर आप देख लें ( ड्राईवर ने फिर निवेदन किया )
ड्राईवर के बार बार आग्रह करने के बाद सेठ ने सोचा की कुछ तो बात है, इक बार चल कर देखना चाहिए.....
खैर इस बार सेठ ने मना नहीं किया I
लेकिन जिस तेजी से वो गए थे उससे दोगुनी तेजी से हाँफते हुए वो वापस अपनी कार में दाखिल हो गये और बिना सांस लिए चिल्लाते हुए अपने ड्राईवर से बोले "तुमने उसे देखा..... मैं मैं..... इसके आगे उनके हलक से आवाज नहीं निकली I
ड्राईवर ने कहा "साहब ये वही लड़की है जो उस रात बारिश से बचने के लिए आपके बंगले में आई थी और आपने उसकी मजबूरी......... ( ड्राईवर ने चुप्पी साध ली )
एक ठंडी सांस लेने के बाद सेठ ने पूछा "आखिर इसकी मौत हुई तो कैसे ?
ड्राईवर ने कहा "साहब उस छोरी को एड्स की बिमारी थी उसकी रिपोर्ट उसके पास ही सड़क पर पड़ी है I चारों तरफ से दुत्कारे जाने के बाद से ही बेचारी रास्तों पर मारी मारी फिर रही थी I ( ड्राईवर की आँखों में आंसू आ गये )
इतना सुनते ही सेठ जी का चेहरा सफ़ेद पड़ गया...( ड्राईवर अपनी धुन में बोले जा रहा था उसे खबर भी ना थी की....)
इक लाश सड़क के बीचो बीच पड़ी है उसे देखने के लिए लाशों की भीड़ भी खड़ी है लेकिन सड़क पर खड़ी शानदार कार के अंदर भी एक लाश पड़ी है, "सेठ जी की लाश" I ( ड्राईवर अभी भी बोले जा रहा है जैसे उसे कोई पुरस्कार मिलने वाला हो )

सोमवार, 7 सितंबर 2009

छाई तन्हाई है

आज फिर छाई तन्हाई है,
आज फिर याद आपकी आई है,
आज फिर हम उदास है,
आज फिर बुझे बुझे से प्यास है,
आज फिर आपकी बातें याद आती है,
आज फिर तन्हाई तडपाती है,
आज फिर आपको याद किया है,
आज फिर रब से फरियाद किया है,
आज फिर आप ख्वाबों में आये है,
आज फिर आपने अरमां जगाये है,
आज फिर तन्हाइयों के तूफ़ान आये है,
आज फिर ख्वाबून के आशियाँ बिखरे है,
आज फिर काश आप पास होतें,
आज फिर काश आपकी याद होती,
आज फिर जरुरत आपके दर्श की है,
आज फिर आपकी आवाज सुननी है,
आज फिर आपसे बातें करनी है,
आज फिर आपके साथ चलने की ख्वाहिश है,
आज फिर आपके साथ कुछ पल पल गुजारने है,
आज फिर जिन्दगी जी लेने की जरुरत है,
आज फिर कुछ पलों के लिए ही......जरुरत है.........

जरूरत ही क्या है

इस राह में कांटे इतने बिछे है, फूलों की जरूरत ही क्या है,
इस दिल में नश्तर इतने चुभें है, मरहम की जरुरत क्या ही है,
जब इक कली बेताब होती है, फूल बनने की राह पर चल देती है,
कितने कांटे कली की बिछे है राहों में, पूछने की जरुरत ही क्या है,
क्यूँ खामोश बैठा है आज ये नादान चचल भौंरा डाली पर,
खुद पर इतराती शोख कली को पूछने की जरुरत ही क्या है,
खामोश है दरिया, खामोश है पानी, ये अंबर, ये जमीं खामोश है,
खामोश है नज़ारें क्यों, किसी को पूछने की जरुरत ही क्या है,
गुजरता पल, आती निशा, डूबता सूरज, खामोश ये शमां क्यों है,
चाँद बुझा, चांदनी ढली क्यूँ , ये समझने की जरुरत ही क्या है,
मंद मंद हवा, ये गर्म दोपहर, क्यूँ तपता है ये सूरज,
क्यों जलता है ये परवाना, शमां को पूछने की जरुरत ही क्या है,
वो जोड़े हंसों के रागनियाँ गा रहे, जल क्रीडा करते हुए दूर जा रहे,
क्या वो बिछुड़ जायेंगे, विधाता से पूछने की जरुरत ही क्या है...

ना जाने

ना जाने कौन सा था वो पल,
जिस पल में तुम गये थे,
रौशनी से रोशन कर राहें मेरी,
अंधेरों में मुझे धकेल गये थे,
ना जाने कौन सा था वो पल,
जिस पल में तुम गम हो गये थे........
अब तो सहर भी शब से है भारी,
अब तो हर पल रहती है बेकरारी,
ना जाने कौन सा था वो लम्हा,
जिस पल में तुम चले गये थे....
खुले आँखे बोझिल पलकें,
रुत भी अब ग़मगीन है,
ना जाने कैसी थी वो रुत,
जिस रुत में गुमशुदा हो गये थे,
ना जाने......................

मैं लड़की और वो लड़का है

नयन अलग नहीं, रूप एक सा है,
सृजन है दोनों प्रकृति के,
अंतर क्या मैं लड़की और वो लड़का है,
मैं निरक्षर क्यूँ और वो पढता है,
अंतर क्या..........
बचपन साथ गुजरता, इक खून का रिश्ता बनता है,
आधार है दोनों इस जहां के,
जगत जननी के साथ ये दुर्व्यवहार क्यूँ है,
अंतर क्या....
नींव कमजोर हो गर तो शीर्ष कमजोर है,
जड़े गहरी है हमारी, हमें आगाज़ दो
निरक्षरता का अँधेरा भयावह है,
हमें ज्ञान का प्रकाश दो,
ग़लतफ़हमी है ये की,
मैं लड़की और वो लड़का है......

आँसू की बूंदे

पग पग पर बिखरी आँसू की बूंदे,
तेजाब बन जलायेगी हमें,
गर अनदेखा किया इन्हें,
कही सुकून ना लेने देंगी हमें,
उन्मुक्त वातावरण की बुलबुल,
ना गा सकेगी कैद में,
फिर कहाँ सुमधुर संगीत सुनाएगी हमें,
पग पग पर बिखरी.....
अकेलेपन का अहसास दिलायेंगी हमे,
जहन्नुम की ज्वाला बन जलायेगी हमें,
हरियाली बिन उजाड़ उपवन,
नारी बिन सूना है ये जग,
जब वो ना रहेंगे इस दुनिया में,
पग पग पर बिखरी.....
इक स्मृति बन रुलायेंगी हमें,
तेजाब बन जलायेगी हमें,
पग पग पर बिखरी.....