बाबा तोहरे दुआरिये पे रहत रहुए एगो गईया रे,
कवन खूंटा बाँध दिहनी बाबा आपन गईया के,
बाबा तोहरे दुआरिये.....
गईया मांगले का बस दू गो रोटी,
अउर छोट मांगले से झोपड़ी,
ठौर ठिकाना दिहनी बाबा एगो कसईया के,
बाबा तोहरे दुआरिये.....
मंगनी बाबा बस तहार आसरा,
बच्च्वे से मिलल न माई के अंचरा,
बाबा जी ई का कईनी भेज देहनी बजरिया में.
बाबा तोहरे दुआरिये.....
अंसुओ ना निकले आँखवा सुजाइल बा,
सिसकी बंद बा करेजा में तीरवा बेधाइल बा,
बाबा जी कवन गलती कईलख गईय्या हो,
तकदीर में लिख देहल संग कसईया के,
बाबा तोहरे दुआरिये पे रहत रहुए एगो गईया रे,
कवन खूंटा बाँध दिहनी बाबा आपन गईया के..........
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें