शनिवार, 20 जून 2009

खंड खंड में

"कितना तन्हा तन्हा आज मैं महसूस करता हूँ,
गम के अँधेरे साये में जीने की कोशिश करता हूँ,
किसी के संग था मैं इन अँधेरी राहों में,
बिछड़ गया वो हमसफ़र आज मुझसे,
उस हमदम को तलाशने की कोशिश करता हूँ,
कितना तन्हा तन्हा आज मैं महसूस करता हूँ ll"
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"आपकी मुस्कराहट में लुटा है हमें, की हम मुस्कुराना भूल गए,
आपकी यादों ने सताया है हमे, की हम रातों में सोना भूल गए,
जाने क्या क्या भूलेंगे हम आपके बाद, जबसे आप हमे भूल गए ll"
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"ख़ुशी की चाह में निकले तो मिले गम हमें,
ख़ुशी बाँटते रहे फिर भी मिले गम हमें,
इतने गम मिले की लगने लगे कम हमें,
आपने अपना गम न दिया ये न रहे गम हमें,
अगर आप न मुस्कुराये तो रहेगा ताउम्र ये गम हमें ll ....."
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कुछ अनकही सी बातें अनजाने में इन निगाहों ने कह दिया,
फजाओं में जलने को परवाने से अनजाने में शमा ने कह दिया,
हम आपको याद ना करे, रब से फरियाद ना करे की,
आप हमारे ख्वाबों में आयें, ये आप से किसने कह दिया ll
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